एकीकृत वक्फ प्रबंधन के लिए नियम अधिसूचित
सत्य प्रकाश/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 4 जुलाई
केंद्र ने ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास नियम- 2025’ को अधिसूचित किया है। हालांकि, वक्फ (संशोधन) अधिनियम-2025 की वैधता के संबंध में मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।वक्फ (संशोधन) अधिनियम-2025 को पहले ही 8 अप्रैल को अधिसूचित किया जा चुका है और उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस महीने के अंत में इसकी वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुना सकता है।
22 मई को अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए सीजेआई बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा था कि संसद द्वारा पारित कानून के पक्ष में संवैधानिकता की धारणा थी।
संशोधित अधिनियम के तहत, महिलाओं और बच्चों के उत्तराधिकार अधिकारों को सुनिश्चित करने के बाद केवल स्वयं के स्वामित्व वाले संसाधनों को ही वक्फ घोषित किया जा सकता है। संभागीय आयुक्त यह निर्धारित करेंगे कि मुस्लिम द्वारा दान की जा रही भूमि वास्तव में उसकी है। यह राज्य सरकारों को वक्फ बोर्ड में पिछड़े वर्गों और शिया एवं सुन्नी दोनों समुदायों के प्रतिनिधियों सहित सदस्यों को नामित करने का अधिकार भी देता है।
अधिनियम की धारा 108-बी के तहत बनाए गए और 3 जुलाई को अधिसूचित नियम वक्फ संपत्तियों के पोर्टल और डेटाबेस से निपटेंगे और उनके पंजीकरण का तरीका व लेखा परीक्षा का संचालन और खातों का रखरखाव देशभर में वक्फ प्रशासन को सुव्यवस्थित करने के लिए होगा।
धारा 108-बी केंद्र को वक्फ परिसंपत्ति प्रबंधन प्रणाली, पंजीकरण, खातों, लेखा परीक्षा और वक्फ के अन्य विवरणों और विधवा, तलाकशुदा महिला और अनाथों के भरण-पोषण के लिए भुगतान के तरीके के लिए नियम बनाने का अधिकार देती है।