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उमस भरी गर्मी में राहत आयुर्वेदिक कूल बाथ से

04:05 AM Jun 25, 2025 IST
उमस भरी गर्मी में राहत आयुर्वेदिक कूल बाथ से
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आयुर्वेदिक जीवनचर्या में नियमित स्नान खास तौर पर महत्वपूर्ण है। जो शरीर में वात, पित्त और कफ संतुलित करता है। वहीं आयुर्वेद के हिसाब से पानी में नीम, पुदीना व शहद-दूध आदि मिलाकर या उबटन लगाकर स्नान के कूलिंग इफेक्ट को दोगुना किया जा सकता है और गर्मी से राहत पाई जा सकती है। जानिये, औषधीय-सुगंधित पदार्थों से स्नान के बारे में दिल्ली स्थित एनडीएमसी आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी में मेडिकल ऑफिसर डॉ. कोमल मलिक से रजनी अरोड़ा की बातचीत।

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सर्दी हो या गर्मी, नहाना हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा है। खासकर उमस भरे बारिश के मौसम में तो दिन में अक्सर दो बार नहाते हैं। यह मौसम जहां बारिश की ठंडी फुहारों के साथ उमंगें और खुशियां लाता है, वहीं वातावरण पानी के वाष्प कणों और नमी से भरी हवाओं वाला होता है। जिसका असर शरीर से निकलने वाले पसीने पर आसानी से देखा जा सकता है। ऐसे में नहाना हाइजीन के लिहाज से फायदेमंद होने के साथ-साथ गर्मी से राहत पहुंचाने और फ्रेश रखने में भी सहायक है।
आयुर्वेद में भी नियमित रूप से स्नान करने को महत्ता दी गई है। कूल बाथ अच्छे दिन की शुरुआत का जरिया माना गया है। स्नान हमारे शरीर के तीनों दोषों-वात, पित्त और कफ में संतुलन बनाए रखता है। सुबह किया गया स्नान जहां दिन भर शरीर, मन-मस्तिष्क को शांत, चुस्त-स्फूर्त रखता है और दैनिक कार्यों को निपटाने में मदद करता है, वहीं शाम को दिन भर की थकान उतार कर आपको कूल और फ्रेश रखता है। आयुर्वेद के हिसाब से नहाने के पानी में कुछ चीजें मिलाकर या उबटन स्किन पर लगाकर स्नान के कूलिंग इफेक्ट को दोगुना किया जा सकता है और गर्मी से राहत पाई जा सकती है। तो क्यों न आप भी इस तरह के कूल बाथ का फायदा उठाएं-
नीम बाथ
नीम ऑयल की कुछ बूंदें बाल्टी में भरे पानी में मिला कर नहा सकते हैं। नीम के पत्ते भी नहाने के लिए उपयोगी हैं। इसके लिए एक पतीले में पानी गर्म करें। नीम के पत्ते उसमें डालकर 1-2 घंटे के लिए रख दें। पानी छान लें और उसे बाल्टी में भरे पानी में मिलाकर नहाएं। एंटी बैक्टीरियल, एंटी सेप्टिक, एंटी फंगल, एंटी एलर्जिक जैसे गुणों से भरपूर नीम से स्नान करने पर आपको ठंडक का अहसास तो होता ही है। इस मौसम में होने वाली पित्ती, घमौरियों, एग्जिमा, सोरायसिस जैसी समस्याओं के उपचार में सहायक है। दरअसल, नीम का उपयोग तो किसी भी रूप में पूरे शरीर के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक माना जाता है।
पुदीना बाथ
माइक्रोबायल गुणों से भरपूर पुदीने का सेवन ही नहीं, नहाना भी शरीर को ठंडक और ताजगी प्रदान करता है। पतीले में उबले पानी में पुदीने के पत्ते डालकर 1-2 घंटे के लिए रख दें। पानी छान कर नहाने के पानी में मिला लें। आप पुदीने के तेल की कुछ बूंदें भी बाल्टी में भरे पानी में मिलाकर नहा सकते हैं। पुदीने के पत्तों का लेप भी काफी असरदार है। थोड़े-से पानी में पत्ते उबाल कर लेप बना लें। नहाने के बाद लेप शरीर के उन अंगों पर लगाएं, जहां पसीना बहुत आता है। करीब 10 मिनट बाद दोबारा नहा लें। इससे स्िकन मुलायम तो महसूस होगी ही, इसके साथ ही सुगंध से तन के साथ मन भी महक उठता है।
नारियल तेल बाथ
नहाने के हल्के गुनगुने पानी में कुछ बूंदें नारियल के तेल की मिलाकर नहाने से शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्ति और राहत मिलती है। इस बाथ से स्किन चमकदार और मुलायम बनी रहती है। यूं भी नारियल तेल की मालिश शरीर के लिए लाभकारी मानी जाती है तो इसे पानी में डालकर नहाने में तो इसके उपयोग से फायदे होने लाजिमी ही होंगे।
मिल्क और हनी बाथ
मिल्क और हनी बाथ यानी दूध में शहद मिलाकर नहाना करने से स्किन में मॉश्चराइजिंग बैलेंस बना रहता है। स्किन में ग्लो आता है और रंग निखरता है। 2 कप फुल क्रीम मिल्क में 3-4 चम्मच हनी मिलाकर तैयार मिश्रण को पानी में मिलाकर स्नान करें। सप्ताह में 1-2 बार यह बाथ जरूर अपनाएं।
लैमन बाथ
पसीने के लिए लैमन बाथ बहुत फायदेमंद है। नींबू के रस को नहाने के पानी में मिला सकते हैं या एक मग्गे में नीबू निचोड़ कर रख लें। स्नान के आखिर में इस नींबू पानी को अपने शरीर पर डाल लें। इससे पसीना कम आने के साथ पसीने की दुर्गन्ध से भी राहत मिलेगी। नहाने के पानी में लैमन सिट्रस ऑयल की कुछ बूंदें मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं।
रोज़ बाथ
गुलाब के फूलों को रात में पानी या नहाने के टब में भिगो दें। सुबह इस पानी से नहाएं। आप रोज़ वॉटर की कुछ बूंदें पानी में मिलाकर नहा सकते हैं। सेंसिटिव स्किन वालों के लिए रोज़ बाथ बहुत फायदेमंद है। नेचुरल एंटी सेप्टिक और माइल्ड एंटी इन्फ्लेमेटरी गुणों के कारण रोज़ बाथ शरीर और दिमाग दोनेां को तरोताजा और ठंडा रखता है। इसी तरह कोकेानेट मिल्क भी को नहाने के पानी में मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
सफेद साइडर सिरका बाथ
नहाने के पानी में करीब एक-चौथाई कप सफेद सिरका, गुलाब जल और सैंडलवुड ऑयल की कुछ बूंदें मिलाकर नहाना फायदेमंद है। इससे स्किन रेशेज, जलन जैसी समस्याओं से राहत मिल सकती है। यूं भी स्किन को हेल्दी बनाने के मामले में ये औषधियां काफी गुणकारी मानी जाती हैं।
कोल्ड फूट बाथ
रात को सोने से पहले अपने पैर ठंडे पानी में 10-15 मिनट के लिए डुबोकर बैठें। इससे एक तो दिन भर की थकान से राहत मिलती है, दूसरे पाचन प्रक्रिया सुचारू रूप से चलती है।
ऐलोवेरा जेल
शरीर को ठंडक प्रदान करने में नहाने से करीब आधा घंटा पहले एलोवेरा जैल लगाकर नहाना खास तौर पर फायदेमंद है। दरअसल, एलोवेरा के औषधीय गुण पानी में घुलमिल जाते हैं जो मुंह समेत पूरे शरीर की त्वचा के लिए खास तौर पर हितकारी माना जाता है।
सैंडलवुड बाथ
सैंडलवुड के पाउडर में थोड़ा-सा पानी मिलाकर नहाने से 15-20 मिनट पहले पूरे शरीर में लेप लगाएं। यह बाथ भी ठंडक और ताजगी प्रदान करता है।

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