उभरता हुआ आकर्षक पेशा
जो युवा फैशन की दुनिया में मैनेजमेंट, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और ट्रेंड को समझने व काम करने के चाहवान हैं उनके लिए फैशन एंड एक्सेसरीज मैनेजमेंट के क्षेत्र में भविष्य उज्ज्वल है। इसमें कपड़े, बैग, बेल्ट, ज्वैलरी, फुटवियर, घड़ी आदि की डिजाइन, ब्रांडिंग और सेलिंग शामिल होती हैं।
कीर्तिशेखर
फैशन एंड एक्सेसरीज मैनेजमेंट एक तेजी से उभरता हुआ न सिर्फ ग्लैमरस कैरियर है बल्कि इसके भविष्य में ग्रोथ की मजबूत संभावनाएं हैं। यह कैरियर खासकर उन युवाओं के लिए बेहतरीन है, जो फैशन की दुनिया में मैनेजमेंट, ब्रांडिंग, मार्केटिंग और ट्रेंड को समझने व काम करने का जुनून रखते हैं। इस कैरियर में कपड़ों के अलावा बैग, बेल्ट, ज्वैलरी, फुटवियर, घड़ी आदि फैशन एक्सेसरीज की डिजाइन, ब्रांडिंग और सेलिंग जैसी गतिविधियां शामिल होती हैं।
एक्सेसरीज की समानांतर दुनिया
दरअसल, आज ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है, जहां एक्सेसरीज की समानांतर दुनिया न खड़ी हो गई हो। चाहे वह क्षेत्र फैशन का हो या ओटोमोबाइल्स का, कम्युनिकेशन का हो या फिर मनोरंजन का। हर क्षेत्र में आज उसकी मूल दुनिया के समानांतर उसे और ज्यादा चमक-दमक से परिपूर्ण बनाने वाली दुनिया खड़ी हो गई है, जिसे एक्सेसरीज की दुनिया कहते हैं।
बड़े कारोबार में ज्यादा रोजगार
एक्सेसरीज का जलवा आज हर तरफ दिख रहा है चाहे वह बैग, बेल्ट, ज्वैलरी, फुटवियर, घड़ी आदि में से कुछ भी हो। ऐसे में यह कहने की जरूरत नहीं है कि एक्सेसरीज का भारी-भरकम कारोबार रोजगार का एक मजबूत क्षेत्र बनकर उभर रहा है। पेश है इस क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए विभिन्न स्टेप्स।
शैक्षणिक योग्यता
फैशन एंड एक्सेसरीज मैनेजमेंट की दुनिया में इनसे संबंधित जॉब प्राप्त करने के लिए कुछ शैक्षणिक योग्यताएं जरूरी हैं। जैसे-
12वीं के बाद के अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रम
बारहवीं के बाद बी. डिजाइन यानी बैचलर ऑफ डिजाइन (फैशन कम्युनिकेशन/फैशन मैनेजमेंट/एक्सेसरीज डिजाइन), बीबीए इन फैशन मैनेजमेंट, बीएससी इन फैशन टेक्नोलॉजी जैसे अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं।
ग्रेजुएशन के बाद के कोर्स
ग्रेजुएट डिग्री या इसके समकक्ष मान्यता वाले पाठ्यक्रम पास करने के बाद एमबीए/पीजीडीएम इन. फैशन मैनजमेंट, एम डिजाइन इन फैशन एंड लाइफस्टाइल एक्सेसरीज, एमए इन फैशन रिटेल मैनेजमेंट में प्रवेश ले सकते हैं।
नौकरी के विकल्प
इन पाठ्यक्रमों को करने के बाद आसानी से नौकरी पायी जा सकती है। फैशन एडवाइजर, रिटेल मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव, विजुअल मर्चेडाइजर्स, स्टोर मैनेजर, स्टोर डायरेक्टर, रिटेल हेड, ब्रांड हेड या फैशन स्टाइलिस्ट- ये सब इन्हीं पाठ्यक्रमों से पैदा होने वाले प्रोफेशनल्स हैं। हालांकि इस कोर्स के बिना भी इस क्षेत्र में नौकरी पायी जा सकती है, मगर तब कम से कम 5 साल का काम का अनुभव मांगा जायेगा। इसके बाद भी वह वेतन मिलने की संभावना नहीं रहेगी, जो वेतन डिग्री लेने या डिप्लोमा करने के बाद लगने वाली नौकरी में मिलता है।
टॉप शैक्षणिक इंस्टीट्यूट्स
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, प्रमुख कोर्स-बी डिजाइन, मास्टर ऑफ फैशन मैनेजमेंट। पर्ल एकेडमी ऑफ फैशन डिजाइन, प्रमुख कोर्स- यूजी एंड पीजी इन फैशन एंड लाइफस्टाइल बिजनेस। फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, प्रमुख कोर्स- बी. डिजाइन, एमबीए इन रिटेल इन फैशन मर्चेंडाइज। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन डिजाइन , प्रमुख कोर्स- एक्सेसरीज डिजाइन एंड ब्रांड मैनेजमेंट। जेडी इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी, प्रमुख कोर्स- फैशन कम्युनिकेशन एंड मैनजमेंट।
जॉब प्रोफाइल
फैशन ब्रांड मैनेजर, मर्चेंडाइज प्लानर, फैशन बायर, प्रोडक्ट मैनेजर व प्रोफेशनल्स, रिटेल मैनेजर/विजुअल मर्चेंडाइजर।
इन कंपनियों में है मांग
जारा इंडीटेक्स ग्रुप, एच एंड एम, नाइक/एडिडास, माइकल कोर्स/फॉसिल, गुकी/लुईस विटन/चैनल
, क्लेरेज/एसेसरॉइज। वहीं भारत के प्रमुख एक्सेसरीज ब्रांड्स -तनिष्क (टाइटन), फैब इंडिया, रेमंड/पार्क ऐवेन्यू, बीआईबीए/डब्ल्यू/ग्लोबल देसी में भी फैशन एंड एक्सेसरीज मैनेजमेंट संबंधी जॉब मिल सकता है।
वेतन
फ्रेशर्स को 25000 से 45000 रुपये प्रतिमाह मिल सकते हैं। वहीं 2 से 5 साल का अनुभव होने पर 6 से 10 लाख रुपये सालाना वेतन मिल सकता है। जबकि इंटरनेशनल ब्रांड्स या एमएनसीज़ में 15 लाख सालाना से शुरुआत हो सकती है।
इ.रि.सें.