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उपराष्ट्रपति ने किया राज्यपाल दत्तात्रेय की पुस्तक का विमोचन

04:00 AM May 10, 2025 IST
उपराष्ट्रपति ने किया राज्यपाल दत्तात्रेय की पुस्तक का विमोचन
नयी दिल्ली में शुक्रवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की पुस्तक का विमोचन करते हुए। इस दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल एवं हरियाणा के सीएम नायब सैनी भी मौजूद रहे।
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विसचंडीगढ़, 9 मई
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भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय द्वारा लिखित उनके जीवन पर आधारित पुस्तक ‘जनता की कहानी – मेरी आत्मकथा’ का विमोचन किया। नई दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में आयोजित समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय व उनकी धर्मपत्नी वसंथा बंडारू को शॉल भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले नागरिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दो मिनट का मौन धारण किया गया।

इस मौके पर जगदीप धनखड़ ने कहा कि इस पुस्तक में सार्वजनिक जीवन के संघर्षों की झलक दिखाई गई है, जो सार्थक परिणाम देगी। उन्होंने कहा कि भारत ने चुनौतियों को अवसरों में बदलने के तरीके ईजाद किए हैं। इसलिए आज भारत विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरी दुनिया को भारत की ताकत और मजबूत सोच को दिखाया है। हमारी सेना ने भारतीयों की आन-बान और शान को ऊंचा करने का काम किया है। भारतीयता हमारी पहचान है और राष्ट्रवाद हमारे लिए सर्वोपरि है।

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इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि चरित्र, समर्पण और दृढ़-विश्वास ही जीवन के तीन महत्वपूर्ण पहलू हैं। इन तीन पहलुओं पर कार्य करते हुए जीवन की हर चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। पुस्तक में उनके जीवन के विस्तृत अनुभव संकलित किए गए हैं, जो सदैव आने वाली पीढ़ियों के लिए प्ररेणादायी रहेंगे। पुस्तक में उनके व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को बेहतरीन तरीके से समेटा है।

यह पुस्तक एक केंद्रीय मंत्री के रूप में उनकी प्रशासनिक कुशलता और एक जनप्रतिनिधि के रूप में लोगों की सेवा के प्रति समर्पण की झलक दिखाती है। वे लेखक और कवि नहीं हैं, लेकिन कोविड समय के दौरान उन्हें मिले अनुभव ऑडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से पुस्तक में समेटे हैं। दत्तात्रेय ने कहा कि उनका जीवन सदैव साधारण समाज के हितार्थ समर्पित रहा है। इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय मंत्री जी़ कृष्ण रेड्डी ने भी समारोह को सम्बोधित किया।

विमोचन समारोह में ये रहे मौजूद

कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, एसपी सिंह बघेल, अनुराग ठाकुर, हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार, शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, सहकारिता मंत्री डॉ़ अरविंद शर्मा, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा, लोक निर्माण मंत्री रणबीर सिंह गंगवा, स्वास्थ्य मंत्री कुमारी आरती सिंह राव, विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ़ कृष्ण लाल मिड्ढा, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेश नागर, खेल मंत्री गौरव गौतम सहित कई राज्यसभा व लोकसभा सांसद, पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व उपमुख्यमंत्री, पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री, कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एवं पूर्व आईएएस अधिकारी और कई विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद रहे। राज्यपाल के परिवार के सदस्य जर्नादन रेड्डी, जिग्नेश रेड्डी, विजया लक्ष्मी, जसोदरा, वेदान्सी सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

दत्तात्रेय वास्तव में विनम्रता की मूर्ति : मनोहर लाल

केंद्रीय विद्युत और आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस पुस्तक से ऐसे साधारण व्यक्तित्व की कहानी प्रदर्शित होती है, जिन्हें जीवन में एक बार मिलने से ही सारी कहानी स्वतः ही सामने आ जाती है। उन्होंने कहा कि जब दत्तात्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के मंत्रिमंडल में लेबर मिनिस्टर थे तब उनसे मिलने का अवसर मिला। हरियाणा के मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके मार्गदर्शन में कार्य करने का अनुभव सराहनीय रहा। मनोहर लाल ने कहा कि दत्तात्रेय वास्तव में विनम्रता की मूर्ति हैं, जिन्होंने सदैव समाज सेवा और जनहित को लेकर ही कार्य किया है।

साहित्य नहीं प्रेरणा का स्त्रोत है पुस्तक : नायब सैनी

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह एक पुस्तक नहीं बल्कि जीवंत दस्तावेज है, जो उनके संघर्ष, सेवा, समर्पण और समाज के लिए चलने वाली यात्रा है, जो व्यक्ति को साधारण से असाधारण बना देती है। उन्होंने ‘जनता की कहानी – मेरी आत्मकथा’ पुस्तक के लिए राज्यपाल को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक का शीर्षक ही बता रहा है कि यह जीवन का विवरण मात्र नहीं बल्कि जनसाधारण से जुड़ने और उनके लिए जुझने का अनुभव है। यह पुस्तक केवल साहित्य नहीं प्रेरणा स्त्रोत है जिससे राजनीतिक और सामाजिक जीवन के रास्ते पर चलने का बेहतर मार्ग प्रशस्त होगा।

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