झज्जर, 13 मार्च (हप्र)झज्जर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक ऐसे गिरोह का भंड़ाफोड़ किया है जो ईंट-भट्ठे पर अवैध भ्रूण लिंग जांच का कारोबार कर रहा था। पुलिस ने दो लोगों को मौके से गिरफ्तार किया है। हैरत की बात ये है कि पुलिस की गिरफ्त में गिरोह के जो लोग आए हैं, वह पहले भी ऐसे ही मामले में जेल जा चुके है, लेकिन जेल से बाहर आते ही उन्होंने फिर से इस धंधे को शुरू कर दिया। जानकारी के अनुसार झज्जर स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना मिली थी कि गाजियाबाद के एक ईंट-भट्ठे पर भ्रूण लिंग जांच करने वाला गिरोह सक्रिय है। सूचना पर सिविल सर्जन डाॅ. ब्रह्मदीप ने पीएनडीटी टीम को सक्रिय किया। पीएनडीटी टीम में पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. संदीप कुमार, डॉ. बसंत दुबे, डॉ. कनुप्रिया एवं विनोद कुमार शामिल थे। टीम ने डम्मी ग्राहक के जरिए नांगलोई के सोनिया अस्पताल में काम करने वाले एजेंट सतेन्द्र से संपर्क किया। सौदा 35 हजार में तय हुआ। संपर्क करने पर एजेंट ने ग्राहक को 12 मार्च की सुबह 9 बजे दिल्ली के उद्योग विहार मेट्रो स्टेशन बुलाया। योजना अनुसार ग्राहक पैसों के साथ एजेंट सतेन्द्र के बताए गए मेट्रो स्टेशन पर जाकर मिला। वहीं एजेंट सतेन्द्र को ग्राहक ने 35 हजार रुपए थमा दिए। बाद में एजेंट सतेन्द्र ग्राहक को गाड़ी से टीला मोड़, गाजियाबाद ले गया। यहां उसने एक अन्य एजेंट नरेन्द्र की बाइक पर ग्राहक को बैठा दिया और उसे ग्राहक द्वारा दिए 35 हजार थमा दिए। नरेन्द्र उसे गांव जावली में एक डीडीके ईंट-भट्ठे पर ले गया। इस दौरान पीएनडीटी टीम भी उनका पीछा करती रही। भट्ठे पर ही एक कमरे में रखे अल्ट्रासाउंड मशीन पर ग्राहक के गर्भ में पल रहे बच्चे की लिंग जांच कर लड़का होना बताया गया। ग्राहक का इशारा पाकर टीम ने एजेंट नरेंद्र को पकड़ लिया। इस दौरान अवैध अल्ट्रासाउंड ऑपरेटर कपिल 35 हजार लेकर भागने लगा। टीम ने कपिल का पीछा किया, लेकिन भट्ठे पर काम करने वाले लोगों ने टीम को असामाजिक तत्व समझ कर कपिल की तरफ जाने से रोक दिया। इसका फायदा उठाते हुए कपिल मौके से फरार हो गया। लोकल पुलिस और गाजियाबाद पीएनडीटी टीम भी भट्ठे पर आ गई।इससे पहले 27 अप्रैल को नारनौल की पीएनडीटी टीम ने केस दर्ज कराया थाबता दें कि पुलिस गिरफ्त में आए इन लोगों पर पिछले साल 27 अप्रैल को नारनौल हरियाणा की पीएनडीटी टीम ने दिल्ली भजनपुरा में ऐसा ही मामला दर्ज कराया था। इन सभी को अदालत से जमानत मिली हुई है, लेकिन जेल से बाहर आते ही इन लोगों ने फिर से ये धंधा शुरू कर दिया। टीम ने आरोपी सतिंदर, नरेंद्र एवं कपिल कसाना के खिलाफ टीला मोड़ थाना गाजियाबाद में पीसी पीएनडीटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करवाया।