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आवेदन जांचे न काम, न रोका कोई नाम, अब जांच से छूट रहे पसीने

05:24 AM Mar 11, 2025 IST
आवेदन जांचे न काम  न रोका कोई नाम  अब जांच से छूट रहे पसीने
जींद स्थित महिला एवं बाल विकास विभाग कार्यालय। - हप्र
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जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 10 मार्च
अगर आप महिला हैं और आपको राज्य स्तरीय महिला पुरस्कार चाहिए, तो इसके लिए के लिए जींद में केवल आवेदन भर करने की जरूरत है। आवेदन की जांच करने से लेकर आवेदनकर्ता के काम की जांच जींद में नहीं होती! राज्य स्तरीय महिला पुरस्कार के लिए आवेदनकर्ता महिलाओं के आवेदन को बिना किसी भी तरह की जांच के सीधे मुख्यालय को अपनी रिकमेंडेशन के साथ जींद से भेज दिया जाता है।
ऐसा ही कुछ 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर सीएम नायब सैनी के हाथों पुरस्कृत हुई जींद की उस युवती के मामले में हुआ है, जिसके खिलाफ जींद समेत कई जिलों में ब्लैकमेलिंग और एक्सटॉर्शन आदि के आरोपों में मामले दर्ज हैं।
सीएम नायब सैनी द्वारा जींद से जुड़े इस मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए जाने और जांच चंडीगढ़ में तैनात किसी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी से करवाए जाने के आदेशों से अब जींद में हड़कंप मचा हुआ है। जींद में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यालय की अब जिला प्रशासन लगातार क्लास ले रहा है। सारे मामले की जानकारी विभाग से मांगी जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई की गाज किस पर गिरती है, इस पर सभी की नजरें हैं।
राज्य स्तरीय महिला पुरस्कार के लिए आने वाले आवेदनों की जांच कर पुरस्कार के लिए पात्र महिलाओं के नाम की सिफारिश करने वाली जींद की कमेटी ने या तो कमाल कर दिया या फिर कमेटी शिकायत से डर गई। इस कमेटी को 12 आवेदन मिले। 12 में से एक महिला कमेटी के सामने पेश नहीं हुई। केवल उसका आवेदन रोक कर बाकी सभी आवेदन प्रदेश मुख्यालय को भेज दिए गए। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जिस महिला को सीएम के हाथों सम्मानित करवाए जाने पर बवाल मचा है, उस महिला ने पिछली बार अपना नाम राज्य स्तरीय महिला पुरस्कार के लिए नहीं भेजे जाने को लेकर संबंधित अधिकारियों की शिकायत कर दी थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार भी उसका नाम पुरस्कार के लिए नहीं भेजे जाने का डर कमेटी को रहा होगा।

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पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं की गई

जींद जिले से जिन महिलाओं के नाम जींद के महिला एवं बाल विकास विभाग ने राज्य स्तरीय महिला पुरस्कार के लिए मुख्यालय को भेजे, उनमें न तो आवेदनों की ढंग से जांच की गई, और न ही महिलाओं द्वारा किए गए उन समाज कार्य की जांच की गई, जिनके लिए उन्होंने राज्य स्तरीय महिला पुरस्कार के लिए आवेदन किया। हैरानी की बात है कि इतने बड़े मामले, जिसमें खुद सीएम के हाथों महिलाओं को सम्मानित किया जाना हो, उन महिलाओं के बारे में पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं की गई, जबकि कायदे से ऐसे मामलों में पुलिस वेरिफिकेशन बेहद जरूरी है। पुलिस वेरिफिकेशन होती, तो जींद की वह महिला सीएम के हाथों सम्मानित नहीं हो पाती, जिसके खिलाफ कई मामले दर्ज हुए हों। ऐसी महिला को सीएम के हाथों सम्मानित करवाकर महिला एवं बाल विकास विभाग ने खुद सरकार की फजीहत करवाई है।

जिस दिन नाम भेजे, मुख्यालय गई हुई थीं कार्यवाहक अधिकारी

राज्य स्तरीय महिला पुरस्कार के लिए महिलाओं के आवेदनों को अपनी रिकमेंडेशन के साथ विभाग के मुख्यालय को भेजने के लिए जिस दिन जिला स्तरीय रिकमेंडेशन कमेटी की बैठक हुई, उस दिन जींद की कार्यवाहक जिला कार्यक्रम अधिकारी कांता यादव विभाग के मुख्यालय पंचकूला गई हुई थी। उनकी तरफ से जिला बाल संरक्षण अधिकारी बैठक में शामिल हुई थी। इस बैठक में कमेटी में शामिल जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी से लेकर खंड शिक्षा अधिकारी तक सब मौजूद थे। हैरानी की बात है कि इतने अधिकारियों में से किसी ने भी इस बात की तरफ ध्यान नहीं दिया कि ऐसी महिला का आवेदन मुख्यालय को राज्य स्तरीय महिला पुरस्कार के लिए भेजा जा रहा है, जिसके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज हैं।

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अभी जुटा रहे जानकारी : एडीसी

जींद से जुड़े इस बेहद चौंकाने वाले मामले में एडीसी विवेक आर्य का कहना है कि फिलहाल यह जानकारी जुटाई जा रही है कि यह सब कैसे और किसके स्तर पर हुआ।

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