‘आर्द्र भूमि पृथ्वी की किडनी इसलिए इसका संरक्षण जरूरी’
यमुनानगर, 3 फरवरी (हप्र)
विश्व आर्द्र भूमि दिवस पर गुरुनानक खालसा कॉलेज के आईक्यूएसी और ईको क्लब ने सोसायटी ऑफ एनवायरनमेंट मैनेजमेंट एंड बायो-रिसर्च के सहयोग से सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का उद्घाटन कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ़ प्रतिमा शर्मा ने किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आर्द्र भूमि एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र है, लेकिन यह पूरी दुनिया में जीवन प्रणाली में बहुत योगदान देती है। गुरुग्राम स्थित श्री गुरु गोबिंद सिंह त्रिशताब्दी विश्वविद्यालय से डॉ सिमरनजीत सिंह ने कहा कि आर्द्र भूमि पृथ्वी की किडनी है, इसलिए इसका संरक्षण जरूरी है। सोसाइटी ऑफ एनवायरनमेंट मैनेजमेंट एंड बायो-रिसर्च के संरक्षक डॉ केआर भारद्वाज ने कई मुद्दों पर चर्चा की। डॉ़ अमरजीत सिंह और अशोक कक्कड़ ने आर्द्र भूमि, रामसर साइट, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए। एसईएमबीआर के उपाध्यक्ष प्रो जे एस सोढ़ी ने स्थानीय क्षेत्र की आर्द्रभूमि के कई मुद्दों पर चर्चा की। इस अवसर पर डॉ वर्षा निगम ने आर्द्रभूमि के संरक्षण और बहाली पर जोर दिया। इस अवसर पर डॉ़ कैथरीन मसीह, डॉ़ ज्ञान भूषण, डॉ़ अमनदीप कौर, यासमीन और जसप्रीत सिंह शासी निकाय और प्रबंध समिति के अध्यक्ष रणदीप सिंह जौहर मौजूद थे।