आर्थिक-कूटनीतिक मोर्चों पर पाक से बहुत आगे भारत
भारत पाक से आर्थिक ताकत के हिसाब से दस गुना से भी अधिक मजबूत है। ऐसे में युद्ध की आशंका में जहां भारत युद्ध के भारी खर्चों को वहन करने की स्थिति में होगा, वहीं युद्ध होने पर पाक की कमजोर अर्थव्यवस्था बर्बादी की ओर उन्मुख होगी।
डॉ. जयंतीलाल भंडारी
इन दिनों पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान को सिखाए जाने वाले सबक के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय मीडिया व विशेषज्ञों द्वारा कहा जा रहा है कि भारत सैन्य ताकत की दृष्टि से पाकिस्तान से बहुत मजबूत है। भारत द्वारा पाकिस्तान पर सैनिक कार्रवाई में कोई दिक्कत नहीं है। भारत सरकार के पास वैश्विक कूटनीतिक समर्थन, आर्थिक संबल व देश की जनता का अभूतपूर्व समर्थन है।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान से गोलीबारी की जा रही है। भारत की आर्थिक मजबूती भी भारत के लिए प्रभावी हथियार बनी हुई है। वस्तुतः इस समय भारत पाक से आर्थिक ताकत के हिसाब से दस गुना से भी अधिक मजबूत है। ऐसे में युद्ध की आशंका में जहां भारत युद्ध के भारी खर्चों को वहन करने की स्थिति में होगा, वहीं युद्ध होने पर पाक की कमजोर अर्थव्यवस्था बर्बादी की ओर उन्मुख होगी।
गौरतलब है कि सरकार ने 23 अप्रैल को पाकिस्तान के साथ व्यापार रोकने, पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को निकालने, सार्क वीजा रियायत योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को दिए वीजा निरस्त करने और सिंधु जल संधि को स्थगित करने जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उल्लेखनीय है कि 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को 1965, 1971 और 1999 में पाक युद्ध के समय भी स्थगित नहीं किया गया था। भारत द्वारा सिंधु जल संधि का स्थगन इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि पाक का एक बड़ा हिस्सा सिंधु नदी के पानी से पेयजल, खेती व बिजली उत्पादन तक की गतिविधियों के लिए निर्भर है। पाक के जीडीपी का करीब 25 फीसदी सिंधु जल व्यवस्था पर निर्भर है। तभी पाक की बौखलाहट दिखाई दे रही है।
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 के अनुसार, भारत विश्व की चौथी सबसे मजबूत सैन्य शक्ति वाला देश है, वहीं पाकिस्तान अब 12वें नंबर पर पहुंच गया है। यह इंडेक्स विभिन्न देशों की पारंपरिक युद्ध क्षमताओं के 60 से अधिक फैक्टर्स जैसे जनसंख्या, रक्षा बजट, सैन्य संसाधन, क्रय शक्ति, और सामरिक स्थिति को ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है। भारत के सक्रिय सैनिकों की संख्या लगभग 14.55 लाख है, जो पाकिस्तान के 6.54 लाख सक्रिय सैनिकों की तुलना में कहीं अधिक है। इसके अलावा, भारत के पास ज्यादा रिजर्व सैनिक और पैरामिलिट्री फोर्सेज भी हैं। थल सैन्य शक्ति के अलावा भारत की वायु और जल सैन्य शक्ति भी पाकिस्तान से बहुत अधिक है। यह भी महत्वपूर्ण है कि फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (एफएएस) के मुताबिक जहां भारत के पास 180 परमाणु हथियार हैं, वहीं पाकिस्तान के पास 170 परमाणु हथियार हैं। लेकिन भारत के परमाणु हथियार न्यूक्लियर डोमेन में पाकिस्तान से बहुत आगे हैं। इतना ही नहीं भारत न्यूक्यिलर ट्रायड यानी जल, थल और आकाश तीनों में परमाणु हथियार दागने की क्षमता रखता है।
वहीं भारत की आर्थिकी पाकिस्तान से दस गुना से भी अधिक मजबूत है। मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 के लिए दोनों देशों के बजट को देखें तो पाते हैं कि भारत का बजट पाकिस्तान के बजट से करीब 11 गुना बढ़ा है। मौजूदा वित्त वर्ष के केंद्रीय बजट में भारत ने अपनी रक्षा तैयारियों के लिए 77.4 अरब डॉलर का आवंटन किया है, वहीं दूसरी ओर, पाकिस्तान का रक्षा बजट लगभग 7.6 अरब डॉलर है। इस अंतर से साफ पता चलता है कि भारत का सैन्य बजट पाकिस्तान से लगभग 10 गुना अधिक है। हाल ही में प्रकाशित विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की विकास दर 6.3 फीसदी और पाकिस्तान की विकास दर महज 2.6 फीसदी रह सकती है। भारत की जीडीपी इस समय करीब 4000 अरब डॉलर की है, जबकि पाकिस्तान की जीडीपी 400 अरब डॉलर से भी कम है। प्रति व्यक्ति आय में भी भारत बहुत आगे है। 2025 के अनुमानों के अनुसार, भारत की प्रति व्यक्ति आय 2,880 डॉलर है, जबकि पाकिस्तान की केवल 1,590 डॉलर।
भारत की तेजी से चमकती आर्थिक छवि के कारण भारत में विदेशी निवेश बढ़ रहे हैं, वहीं पाकिस्तान की नकारात्मक छवि की वजह से पाकिस्तान में विदेशी निवेश लगातार घटते जा रहे हैं। यदि हम निर्यात की ओर देखें तो पाते हैं कि भारत ने वर्ष 2024-25 में रिकॉर्ड 437 अरब डॉलर का वस्तु निर्यात किया है। जबकि पाकिस्तान का वस्तु निर्यात इसका दसवां भाग भी नहीं है। भारत के कुल निर्यात में पाकिस्तान की हिस्सेदारी मात्र 0.06 फीसदी ही है। पिछले वर्ष 2024 में भारत ने जितना सामान पाकिस्तान से आयात किया, उससे करीब 31 गुना ज्यादा पाकिस्तान को निर्यात किया।
इस समय जब भारत की अर्थव्यवस्था छलांगें लगाकर आगे बढ़ रही है, वहीं पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भारी मुश्किल में है और दिवालिया जैसी स्थिति में है। निश्चित रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के ऐसे प्रभावी आधारों पर भारत युद्ध की आर्थिक लागत का सामना करने में पाकिस्तान की तुलना में अधिक सक्षम है। ऐसे में दो-तीन सप्ताह की जंग में पाकिस्तान घुटने टेक सकता है।
लेखक अर्थशास्त्री हैं।