अब नहीं जाना पड़ेगा चंडीगढ़-दिल्ली, एम्स बिलासपुर में कैंसर रोगियों को पैट स्कैन सुविधा मिलनी शुरू
शिमला, 5 जुलाई (हप्र)
हिमाचल में कैंसर रोगियों को उपचार के लिए अब दिल्ली और चंडीगढ़ के अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं है। एम्स बिलासपुर में कैंसर रोगियों को पैट स्कैन सुविधा मिलनी आरंभ हो गई है। प्रदेश में बढ़ रहे कैंसर रोगियों की तादाद को देखते हुए एम्स प्रशासन ने यहां हर तरह की उपचार की सुविधा उपलब्ध करवाने की तैयारी की है।
साथ ही 250 करोड़ की लागत से एम्स में ट्रॉमा सेंटर भी स्थापित किया जाएगा। ट्रॉमा सेंटर की मंजूरी को केंद्र ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस केंद्र के निर्माण से शिमला मंडी और शिमला मटौर हाईवे पर हादसे के शिकार लोगों को सुविधा मिलेगी। एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डीएन शर्मा ने शनिवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रशासन का लक्ष्य बिलासपुर एम्स को दिल्ली स्टेट अखिल भारतीय आयुर्वेद विज्ञान संस्थान और चंडीगढ़ पीजीआई के समकक्ष बनाना है।
एम्स में फैकल्टी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यहां हर तरह की सुविधा मिल रही है। उन्होंने कहा कि एम्स में दो विभागों में विशेषज्ञों व शिक्षकों की कमी है और बार-बार इसके लिए आवेदन मांगने के बावजूद भी चिकित्सक मानकों पर खरा नहीं उतर रहे हैं जिसके कारण भर्ती करने में विलंब हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं में गर्भाशय व स्तन कैंसर की समस्या बढ़ रही है। एम्स बिलासपुर में हर महीने औसतन 600 से 800 नए कैंसर रोगी उपचार के लिए आ रहे हैं। एम्स प्रदेश का एकमात्र स्वास्थ्य संस्थान है जहां पैट स्कैन के सुविधा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बढ़ते कैंसर रोगियों के मध्य नजर एआईआईएमएस अध्ययन कर रहा है कि किस इलाके में किस तरह का कैंसर फैल रहा है।