दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यूचंडीगढ़, 12 मार्चहरियाणा में नये जिलों, उपमंडलों, तहसीलों उप-तहसीलों पर फैसला जनगणना के बाद ही होगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने फिलहाल इस पर रोक लगाई हुई है। देश में पहली जुलाई से जनगणना शुरू होगी। इससे पहले, 2011 में जनगणना हुई थी। 2021 की जनगणना कोविड-19 की वजह से नहीं हो पाई। देश व राज्यों की सही से आबादी का पता लगाने के लिए हर दस साल में जनगणना करवाई जाती है।2011 की जनगणना के हिसाब से हरियाणा में कुल आबादी 2 करोड़ 53 लाख के लगभग थी। माना जा रहा है कि हरियाणा की आबादी अब तीन करोड़ के करीब पहुंच गई है। बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस के दो विधायकों- गीता भुक्कल व रघुबीर सिंह तेवतिया ने मातनहेल व पृथला को उपमंडल (सब-डिवीजन) बनाने की मांग की। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गाेयल ने कहा कि जनगणना के बाद ही इस पर फैसला लिया जाएगा।झज्जर विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि मातनहेल, झज्जर जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी दूर है। उन्होंने कहा कि इस एरिया में सीमेंट फैक्टरी व थर्मल पावर प्लांट भी है। कई गांवों का जिक्र करते हुए कहा कि इन गांवों की भी जिला मुख्यालय से 60 से 65 किमी तक दूरी है। उन्होंने कहा कि मातनहेल को 1984 में उप-तहसील बनाया गया। वर्तमान में यह तहसील है। उन्होंने कहा कि लोगों की परेशानियों को देखते हुए मातनहेल को उपमंडल का दर्जा दिया जाना चाहिए।यहां बता दें कि मातनहेल गीता भुक्कल का पैतृक गांव भी है। नायब सरकार ने नये जिलों, उपमंडलों, तहसीलों व उप-तहसीलों के गठन के लिए विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया हुआ है। कमेटी में राजस्व एवं निकाय मंत्री विपुल गोयल, संसदीय कार्य मामले मंत्री महिपाल सिंह ढांडा भी शामिल हैं। कमेटी की दो-तीन बैठकें भी हो चुकी हैं। कमेटी जिलों से आई डिमांड की स्टडी के लिए संबंधित प्रशासन को निर्देश दे चुकी है।गांव दो जिलों में बंटेपृथला विधानसभा ऐसा एरिया है, जिसमें कुल 104 गांव हैं। इनमें से 34 गांव पलवल जिले में और 70 गांव फरीदाबाद जिले में आते हैं। यहां से कांग्रेस विधायक रघुबीर सिंह तेवतिया ने कहा कि पृथला पूरी तरह से ग्रामीण इलाका है। इसमें एक भी शहर नहीं है। उन्होंने पृथला को सब-डिवीजन का दर्जा देने की मांग की। विपुल गोयल ने जनगणना के बाद इस संदर्भ में फैसला लेने का आश्वासन दिया। वहीं, मातनहेल को लेकर उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में कैबिनेट सब-कमेटी के पास प्रस्ताव आया है और वह विचाराधीन है।नये जिलों की भी मांगहरियाणा में गोहाना, असंध, डबवाली, मानेसर व हांसी को प्रदेश का नया जिला बनाने की मांग उठ रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान सीएम नायब सैनी हांसी, गोहाना व असंध को लेकर सकारात्मक बयान दे चुके हैं। पूर्व की मनोहर सरकार के समय चरखी दादरी को प्रदेश का 22वां जिला बनाया गया था। उस समय कैबिनेट मंत्री ओपी धनखड़ की अध्यक्षता वाली सब-कमेटी ने हांसी व गोहाना को भी जिला बनाने की सिफारिश की थी। इस बीच, राज्य सरकार हांसी व डबवाली को पुलिस जिला बना चुकी है।चार गांवों में मालिकाना अधिकारआदमपुर से कांग्रेस विधायक चंद्रप्रकाश के सवाल पर पशुपालन एवं डेयरी मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि हिसार के चार गांवों- बीड़ बबरान, राजीव नगर झिड़ी, ढंडूर तथा पीरांवाली के लोगों को उनके गांवों की भूमि का स्वामित्व अधिकार देने का निर्णय लिया है। इन गांवों में संजय नगर शामिल नहीं है। राणा ने कहा कि 250 वर्गगज तक के आवासी भूखंड 2000 रुपये प्रति वर्गगज तथा 250 वर्गगज से लेकर एक कनाल तक के भूखंडों की दर 3000 रुपये प्रति वर्गगज तय की है। वहीं एक कनाल से चार करनाल तक के आकार के भूखंड के लिए 4000 रुपये प्रति वर्गगज के हिसाब से मालिकाना हक दिया जाएगा। इस फैसले को लागू करने के लिए हिसार एडीसी की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है।