For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

अब आस्था भी डिजिटल ठगों के निशाने पर

04:05 AM Mar 16, 2025 IST
अब आस्था भी डिजिटल ठगों के निशाने पर
चार धाम यात्रा
Advertisement

देश में डिजिटल स्कैम गहरे तक जड़ जमा चुके हैं। धार्मिक पर्यटन के दौरान श्रद्धालु भी इससे अछूते नहीं। हैलीकॉप्टर बुक कराने,आश्रमों में ठहराने, रेलवे टिकट बुकिंग आदि के दौरान बड़ी संख्या में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले सामने आये हैं। चार धाम यात्रा अप्रैल में शुरू होनी है, तो यात्रियों को डिजिटल फ्रॉड से बचाने में एआई का उपयोग मददगार सिद्ध हो सकता है।

Advertisement

मनोज कुमार
प्रयागराज में महाकुंभ संपन्न हो गया जिसमें करीब 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। कुछ अप्रिय घटनाओं को छोड़ दें, तो सभी स्नान पर्व सकुशल संपन्न हुए। लेकिन देश में गहरे तक जड़ जमा चुके डिजिटल स्कैम की गूंज इसमें भी सुनाई दी। पुलिस,साधुओं तथा श्रद्धालुओं- सभी को डिजिटल स्कैमरों ने शिकार बनाया। डिजिटल स्कैम की सही संख्या बताना मुश्किल है लेकिन पर्यटक हैलीकॉप्टर बुक कराने,आश्रमों में ठहराने, रेलवे टिकट बुक करने जैसे मामलों में शिकार हुए हैं। फर्जी बेबसाइटों के माध्यम से उन्हें खासी रकम गंवानी पड़ी। ऐसे में जब चार धाम यात्रा का आगाज आगामी अप्रैल में होगा, तो यात्रियों को डिजिटल फ्रॉड से बचाने के लिए सरकार के साथ-साथ एआई महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
चार धाम यात्रा पर आने वाले भक्तों की संख्या हर वर्ष बढ़ ही रही है। बीते वर्ष यानी 2024 में चार धाम यात्रा के दौरान करीब 48 लाख भक्तों ने दर्शन किए। इस यात्रा में होटल-धर्मशाला, हैलीकॉप्टर बुकिंग, जल्दी दर्शन कराने आदि के नाम पर खूब फर्जीवाड़ा देखा गया है। सर्वाधिक फ्रॉड हैलीकॉप्टर से केदारनाथ की बुकिंग में सामने आए। सरकार व सभी एजेंसियां इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन से ही बुकिंग पर जोर देती हैं लेकिन कई बार जल्दबाजी या मिलती-जुलती नकली साइटों से बुकिंग करा लेने पर यात्री डिजिटल फ्रॉड के शिकार हो जाते हैं। स्कैमर फर्जी बेबसाइट बना देते हैं, जो हैली बुकिंग साइट जैसी नजर आती हैं। हर काम में एआई तेजी से मददगार बनकर सामने आयी है, तो चार धाम यात्रा में भी इसे महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।
एआई ऐसे बनेगी मददगार
चार धाम यात्रा के लिए ऑनलाइन बुकिंग प्रणाली में एआई का एकीकरण किया जाए तो यह सिस्टम यात्रियों की बुकिंग की जानकारी का विश्लेषण कर सकता है और डिजिटल फ्रॉड के पैटर्न को पहचान सकता है। इसके बाद स्कैमरों पर रोक लगाई जा सकती है। अगर एआई आधारित फ्रॉड डिटेक्शन अल्गोरिद्म विकसित हो तो यात्रियों की बुकिंग की जानकारी का विश्लेषण आसानी से हो सकेगा। इसके माध्यम से कौन डिजिटल फर्जीवाड़ा कर सकता है या कर रहा है, उसे पहचानकर रोका जा सकता है। बॉक्स के माध्यम से कई सिम एक साथ लगाकर भी स्कैम को अंजाम दिया जा रहा है। बुकिंग कराते समय एआई सिस्टम के जरिये फर्जी एजेंसियों से यात्री को अलर्ट किया जा सकता है।
रियल टाइम निगरानी से करें पहचान
इस साल जब चारधाम की यात्र के लिए बुकिंग आरंभ हो, तो किस समय यात्री अधिक बुकिंग कर रहे हैं, कौन से दिनों की बुकिंग उनकी प्राथमिकता है, उसकी भी एआई सिस्टम वास्तविक समय में निगरानी कर सकता है। इस प्रक्रिया में डिजिटल फ्रॉड को पहचाना जा सकता है। स्कैमरों का पैटर्न हर दिन बदल रहा है - पहले लॉटरी , बैंक ओटीपी और अब साइबर अरेस्ट से आगे नई तरकीबों के बारे में सोच रहे हैं। एआई के माध्यम से वह नकली आवाज बनाकर डराते हैं और अगर यात्रा में ये स्कैम आरंभ हो गये तो तीर्थ यात्रियों के लिए बड़ा जोखिम होगा। एआई के माध्यम से इस आशंकित फ्रॉड को रोका जा सकता है। वहीं एआई सिस्टम सुरक्षित भुगतान प्रणाली भी विकसित कर सकता है।
यात्रा के दौरान यात्रियों को स्थानीय जानकारी प्रदान करना, सुरक्षा और सुविधा प्रदान करना, विभिन्न सेवाओं का लाभ उठाने में मदद करना आदि के अलावा एआई यह भी बता सकता है कि डिजिटल फ्रॉड होने के स्ति में तुरंत पुलिस और अधिकारियों से कहां और कैसे संपर्क करें। -इ.रि.सें.

Advertisement
Advertisement
Advertisement