अदाणी को राहत! ट्रंप ने विदेशी रिश्वतखोरी कानून पर लगाई रोक
वाशिंगटन, 11 फरवरी (एजेंसी)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें न्याय मंत्रालय को ‘एफसीपीए’ कानून पर रोक लगाने और उसकी समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है। भारतीय उद्योगपति एवं अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी और उनके भतीजे सागर के खिलाफ रिश्वतखोरी की जांच इसी कानून के तहत शुरू की गयी थी। 1977 का विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (एफसीपीए) अमेरिकी और विदेशी कंपनियों को व्यापार करने के लिए विदेशी सरकारों के अधिकारियों को रिश्वत देने से रोकता है। इसके तहत अमेरिकी न्याय मंत्रालय कुछ चर्चित मामलों की जांच कर रहा है। पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन नीत सरकार के अधीन न्याय मंत्रालय ने पिछले साल अदाणी पर सौर ऊर्जा ठेकों के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर (करीब 2100 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने की योजना में शामिल होने का आरोप लगाया था। अभियोजकों ने कहा था कि यह बात उन अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छिपाई गयी, जिनसे अदाणी समूह ने इस परियोजना के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे। अदाणी समूह ने हालांकि सभी आरोपों को खारिज किया था।
जांच के खिलाफ छह अमेरिकी सांसदों का पत्र
अमेरिका के छह सांसदों ने नवनियुक्त अटॉर्नी जनरल को अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) द्वारा लिए गए ‘संदिग्ध’ फैसलों के खिलाफ पत्र लिखा है। इनमें कथित रिश्वत घोटाले में उद्योगपति गौतम अदाणी के समूह के खिलाफ अभियोग का मामला भी शामिल है। सांसदों ने पत्र में आशंका जताई कि इससे करीबी सहयोगी भारत के साथ संबंध खतरे में पड़ सकता है।
ट्रंप का कागज के स्ट्रॉ पर बैन, प्लास्टिक पर जोर
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह संघीय स्तर पर कागज के स्ट्रॉ के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा रहे हैं, क्योंकि वे ‘टिकाऊ’ नहीं होते। इसके बजाय प्लास्टिक के इस्तेमाल की तरफ बढ़ना चाहिए। ट्रंप ने संघीय खरीद नीतियों को पलटने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किये। उन्होंने वह नीति पलट दी है, जिसके तहत कागज के स्ट्रॉ की खरीद को प्रोत्साहित किया जाता था।