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अच्छी सेहत की नींव है हेल्दी नाश्ता

04:05 AM Jun 25, 2025 IST
अच्छी सेहत की नींव है हेल्दी नाश्ता
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आहार में मौजूद पोषक तत्वों से ही हमारे मन-मस्तिष्क को ताकत मिलती है। भोजन में सुबह का नाश्ता काफी महत्वपूर्ण होता है। हेल्दी ब्रेकफास्ट से ही दिनभर के लिए ऊर्जा हमें प्राप्त होती है। खासकर युवाओं के लिए नाश्ता सेहत की नींंव है।

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रेखा देशराज
यह सच है कि प्रतिस्पर्धा के इस दौर में डटे रहने के लिए हमें प्रतिदिन कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिस चीज के लिए संघर्ष किया जा रहा है, वह मकसद ही कहीं गुम हो गया है। हम बेहतर खाना, बेहतर जीवनशैली आदि के लिए ही संघर्ष करते हैं। जबकि आज हमारी जिंदगी में सिवाय संघर्ष और कुछ बाकी नहीं रहा। इन सबमें हम सबसे ज्यादा अपना ही नुकसान कर रहे हैं। खासतौर पर सुबह नाश्ता न करके खुद अपने स्वास्थ्य के साथ जबरदस्त खिलवाड़ कर रहे हैं।
सक्रियता और ऊर्जा का स्रोत
हालांकि आमतौर पर युवास्था में ये सब बातें समझ नहीं आतीं। घर के खाने की बजाय हम बाहरी खाने को ज्यादा महत्व देते हैं। स्नैक्स और जंक फूड तो हमारे फेवरेट फूड में शामिल हो जाते हैं। जबकि खानपान और स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अच्छी सेहत और आकर्षक शरीर के लिए नियमित रूप से नाश्ता करना जरूरी है। यही नहीं, बाहुबल के लिए भी नाश्ता करना आवश्यक है। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो युवास्था में इसका कोई विशेष फर्क नहीं दिखेगा। लेकिन एक उम्र के बाद इसका असर महसूस होगा, जब हम शरीर में कमजोरी महसूस करेंगे। हम अपने दूसरे हमउम्रों की तरह सक्रिय नहीं होंगे और न ही हममें जरा भी भागदौड़ की हिम्मत बची होगी।
नाश्ते में पौष्टिक आहार भी आवश्यक
इससे बचने का रास्ता यही है कि हम अपने नाश्ते के साथ कोई समझौता न करें। उस स्थिति में भी नहीं, जब हमें काम की वजह से एक सेकेंड सांस लेने की भी फुर्सत न हो। विशेषज्ञों की मानें तो हमारे स्वास्थ्य के लिए सिर्फ नाश्ता करना ही जरूरी नहीं है बल्कि नाश्ते में पौष्टिक आहार का होना भी आवश्यक है। अगर आप रोज नाश्ता करते हैं लेकिन उसमें स्वास्थ्यवर्धक आहार शामिल नहीं है, तो ये नाश्ता फायदे की बजाय नुकसानदायक हो जाता है। नाश्ता न करने से इसके दुष्प्रभावों का पता तुरंत नहीं चलता लेकिन कुछ समय के बाद ही शरीर में इसके नुकसान दिखने लगते हैं। सवाल है ऐसी स्थिति में क्या करें?
कुछ नियमों का करें कड़ाई से पालन
इस किस्म की स्थिति से बचने के लिए हमें कुछ नियमों का कड़ाई से पालन करना होता है। सबसे पहले आप अपने नाश्ते पर एक नजर डालिए। इसके बाद उसके गुणों के आधार पर आकलन कीजिए कि आखिर आप किस तरह का भोजन ले रहे हैं। क्या आपके नाश्ते में फल, सब्जी, अनाज व दूसरे पौष्टिक पदार्थों का समावेश है? ये आपको कितनी कैलोरी प्रदान कर रहे हैं, इसे भी चेक करें।
शारीरिक श्रम की डालें आदत
आमतौर पर 40-45 वर्ष की आयु के बाद चिकित्सक लोगों को घी, मक्खन व दूसरे वसायुक्त खाद्य पदार्थों की मात्रा बहुत कम कर देने या बिल्कुल बंद कर देने का परामर्श देते हैं। लेकिन अगर आपको इस उम्र में भी चिकित्सक का परामर्श नहीं सुनना और घी, मक्खन आदि का सेवन करना है तो युवावस्था में खूब शारीरिक श्रम करें। घी, मक्खन के सेवन से हानि की संभावना तब अधिक बढ़ती है, जब कोई व्यक्ति शारीरिक श्रम बिल्कुल नहीं करता। हृदय रोगों से सुरक्षा के लिए पौष्टिक खाद्य पदार्थों का नाश्ते में समावेश सुनिश्चित करना चाहिए। क्योंकि नाश्ता दिनभर की भोजन सामग्री की मात्रा ही नहीं दिशा भी तय करता है।
संतुलित मात्रा में हों पोषक तत्व
चिकित्सकों व न्यूट्रीशियंस के अनुसार भोजन में शारीरिक शक्ति व रोग निरोधक क्षमता के लिए सभी पौष्टिक तत्व संतुलित मात्रा में होने चाहिए। अपनी रुचि व स्वाद के लिए इसमें थोड़ा-बहुत परिवर्तन किया जा सकता है, लेकिन इतना अधिक नहीं कि किसी एक खाद्य पदार्थ की मात्रा इतनी कम या ज्यादा न कर दी जाये कि उसके कारण शरीर को हानि पहुंचने लगे। याद रखें दुनिया के हर क्षेत्र के भूगोल के अनुसार भोजन की परंपरा विकसित होती है जो मौसम तथा जलवायु के अनुकूल होती है। इसलिए विदेशी व्यंजनों पर महज स्वाद के लिए लट्टू न हों। ऐसे व्यंजन हमारे स्वास्थ्य के लिए अनुकूल भी हो सकते हैं और प्रतिकूल भी। -इ.रि.सें.

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