अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार होंगे स्वास्थ्य पेशेवर
चंडीगढ़, 8 मई (ट्रिन्यू)
रोगों की बढ़ती व्यापकता और स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता की चुनौती को दूर करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने कमर कस ली है। राष्ट्रीय संबद्ध एवं स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय आयोग कानून-2021 को जमीनी आधार देने की तैयारी पूरी कर ली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप स्वास्थ्य पेशेवर तैयार करने के लिए मॉडल पाठ्यक्रम लागू करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसे 2026-27 से पूरे देश में लागू किया जाएगा।
इससे विश्व स्वास्थ्य संगठन और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की जरूरत के अनुरूप स्वास्थ्य पेशेवर तैयार किए जाएंगे। हरियाणा चार्टर्ड एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष डॉ़ आरके मुदगिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की स्वास्थ्य सेवाओं व स्वास्थ्य पेशेवरों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने की जो जरूरत कोरोना काल में महसूस हुई थी।
अब इसे जमीनी आधार देना जल्द ही सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सम्बद्ध एवं स्वास्थ्य सेवा आयोग व्यवसाय आयोग कानून 2021 के लागू होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा चरणबद्ध तरीके से बदलाव किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश में 55 अलग-अलग प्रकार की पेशेवर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर केंद्र व राज्य स्तर पर इकाइयों के न होने के कारण यह बदलाव संभव नहीं हो पा रहा था। इसका निदान करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हेल्थ एंड एलाइड हेल्थ केयर कानून 2021 के तहत केंद्रीय आयोग का गठन किया गया। राज्यों को इसी क्रम में परिषद गठित करने के निर्देश दिए गए। मंत्रालय का मकसद अलग-अलग प्रकार के 55 स्वास्थ्य पेशेवरों को 10 श्रेणियां फिजियोथैरेपी, अप्लाइड साइकोलॉजी और व्यावहारिक स्वास्थ्य, ऑटोमेट्री, पोषण और आहार विज्ञान, डायलिसिस थेरेपी प्रौद्योगिकी और डायलिसिस थेरेपी, रेडियोथैरेपी प्रौद्योगिकी, मेडिकल रेडियोलॉजी और इमेजिंग प्रौद्योगिकी, एनेस्थीसिया और ऑपरेशन थिएटर प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सूचना प्रबंधन और फिजिशियन एसोसिएट्स को विस्तृत तौर पर शामिल किया है।